लोक राजनीति मंच

गठबंधन की मान्यताएं

1.     भारतीय जनता पार्टी के कारण देश का संविधान, लोकतंत्र, किसान, जवान, बेरोजगार, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है।

2.     2024 के लोकसभा के चुनावों में सभी लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा के प्रत्याशी के सामने पूरे विपक्ष का केवल एक प्रत्याशी चुनाव लड़े और सभी पाटियों के समर्थक भाजपा के खिलाफ विपक्ष के प्रत्यासी को वोट दें, तभी भाजपा को सत्ता से हटाना संभव हो सकता है। ये दोनों लक्ष्य परम्परागत सतही गठबंधन से संभव नहीं है, क्योंकि सपा-बसपा और सपा कांग्रेस के गठबंधन के नतीजों में देखा जा चुका है। इसके लिये सभी दलों की एक अधिकार सम्पन्न केन्द्रीय एजेंसी होनी आवष्यक है, जिसके निर्णय को मानना सभी दलों के प्रमुखों की बाध्यता हो और व सभी दलों के कार्यकर्ताओं की चाहत हो।

3.     भाजपा जैसी कैडर आधारित किसी पार्टी का मुकाबला कैडर आधारित कोई दूसरी पार्टी ही कर सकती है। यदि एक ही शत्रु रखने वाली सभा पार्टियो को मिलाकर एक पार्टी बनाना शुरुआत में संभव न हो, तो केवल पार्टी प्रमुखों का गठबंधन बनाने की बजाय लिखित संविधान पर एक व्यवस्थित गठबंधन बनाया जाये, जिससे पार्टियों के कैडर के बीच भी गठबंधन संभव हो सके और वोटों का ध्रुवीकरण संभव हो सके।

4.     भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए पूरे देश में भाजपा शासन से पीड़ित संगठनों और व्यक्तियों का सहयोग आवश्यक है। यह लक्ष्य हासिल करना तभी संभव है, जब विपक्ष का नेता लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुना जाए। विपक्ष के नेता का लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनाव तभी संभव है, जब सभी विपक्षी दलों और संगठनों का एक गठबंधन बनाया जाए। गठबंधन को टिकाऊ बनाने के लिए गठबंधन की निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता और लोकतंत्र सुनिश्चित किया जाए। यह तभी संभव है, जब यह गठबंधन लिखित संविधान, नियमावली और लिखित आचार संहिता पर कार्य करें।

5.     गठबंधन लिखित संविधान पर काम करे-

 

  1.        जिससे ‘‘गठबंधन को विवादों के कारण टूट फूट से बचाया जा सके,
  2.        जिससे गइबंधन को लोकतांत्रिक व पारदर्षी तरीके से चलाया जा सके,
  3.        जिससे गठबंधन को जनता के साथ विष्वासघात के मार्ग पर जाने से रोका जा सके,
  4.       जिससे केवल ऊपरी स्तर पर बड़े नेताओं के बीच ही गठबंधन न हो, अपितु प्रदेश स्तर, मंडल स्तर, जिला स्तर और ब्लॉक स्तर पर भी संगठनों के कैडर व कार्यकर्ताओं का भी गठबंधन संभव हो सके,
  5.        जिससे विपक्ष के चुने हुए नेता पर हमला होने की स्थिति में गठबंधन की संवैधानिक प्रक्रिया से तत्काल विपक्ष का नया नेता पैदा करना संभव हो सके,
  6.        जिससे सन 2024 में बनाने वाली गठबंधन की सरकार टिकाऊ हो सके।

6.     गठबंधन बनाने की प्रक्रिया में पूरे देश के बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, किसान नेताओं, ट्रेड यूनियन के नेताओं, पत्रकारों, सामाजिक संगठनों व राजनीतिक पार्टियों आदि वर्गों को शामिल होने और गठबंधन की निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी व सहयोग करने का अवसर दिया जाए।

7.     कारपोरेट हाईजैक से बचने के लिए गठबंधन के खर्च का प्रबंध यथासंभव गठबंधन के संविधान सभा के सदस्यों द्वारा और जन अनुदान द्वारा चलाया जाए।

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