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मोदी द्वारा जनता पर किया गया जुल्म

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विपक्ष के कहने के बावजूद अदानी के घोटाले पर संसदीय समिति से जांच कराने के लिए सहमति नहीं दी। इससे यह परिस्थिति जन्य सबूत मिल गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को नहीं चला रहे हैं अपितु अडानी बिना प्रधानमंत्री का चुनाव जीते ही नरेंद्र मोदी जी के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी मर्जी से देश को हांक रहे हैं।
  2. नरेंद्र मोदी जी ने राफेल घोटाले के आरोप पर भी जांच के लिए संसदीय समिति नहीं बनाया।
  3. क्या पुलवामा की घटना में देश के सैनिकों को जानबूझकर केवल चुनाव जीतने के लिए मरवाया गया? इस आरोप पर जांच करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कोई संसदीय समिति नहीं बनाई।
  4. महाराष्ट्र के अजीत पवार और पश्चिम बंगाल के मुकुल राय जैसे तमाम उदाहरण हैं, जिनके खिलाफ चल रही जांच को केवल इसलिए बंद करा दिया क्योंकि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
  5. चिन्मयानंद को पूरे देश ने सोशल मीडिया पर नंगे देखा। लेकिन मोदी सरकार ने उनको गिरफ्तार करके जेल नहीं भेजा।
  6. वर्तमान गृह राज्य मंत्री के बेटे द्वारा लखीमपुर में अपनी गाड़ी से किसानों को रौदते हुए पूरे देश ने देखा। लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने गृह राज्य मंत्री से त्यागपत्र नहीं लिया और सीबीआई द्वारा की जा रही जांच को प्रभावित करने के लिए उनको ग्रह राज्यमंत्री बनाए रखा।
  7. हरदोई का भाजपा नेता सेंगर ने एक लड़की के साथ बलात्कार किया और लड़की का मुंह बंद कराने की कोशिश में लड़की के परिवार के कई सदस्यों को मार डाला। सेंगर को बचाने की जी जान कोशिश नरेंद्र मोदी जी ने की। यह अलग बात है कि अदालत से उसको दंडित होना पड़ा।
  8. श्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनते ही राष्ट्रीय न्यायिक परिषद बनाकर न्यायाधीशों की नियुक्ति का अधिकार अपने हाथ में लेकर सुप्रीम कोर्ट पर कब्जा करने की कोशिश की। यही कोशिश 2022 में दोबारा शुरू की। यद्यपि वह दोनों बार कामयाब नहीं हुए।
  9. उन्होंने सीबीआई के डायरेक्टर को रात में 2 बजे हटाया। इससे लोगों ने यह निष्कर्ष निकाला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कोई बड़ा अपराध किया था और सीबीआई के हाथ उनके गर्दन तक पहुंचने वाले थे। इसीलिए उनको आधी रात सीबीआई का डायरेक्टर बदलना पड़ा।
  10. देश के जनता की गाढ़ी कमाई से बने देश की तमाम रेलवे, हवाई जहाज और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को बेंच दिया। इसकी वजह से संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा किए गए सारे कामों पर पानी फिर गया। आरक्षण के प्रावधान निरर्थक हो गये। नरेंद्र मोदी जी चुनाव जीतकर 2024 में वापस आ गए तो जो कंपनियां बची हैं, वह भी बिक जाएंगी।
  11. भाजपा शासित राज्यों में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की गुणवत्ता को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है। यह सब किस लिए हो रहा है जिससे कि प्राइवेट स्कूल चलाने वालों को और प्राइवेट अस्पताल चलाने वालों को मुनाफा तो मिले ही एकाधिकार के कारण जनता को लूटने का मौका भी मिले।
  12. नोटबंदी जैसे इस तरह के काम किए, जिससे देश को केवल नुकसान उठाना पड़ा।
  13. तीन कृषि कानून बनाकर देश के किसानों की जमीन हड़पने और उसको देश के बड़े व्यापारियों को हस्तगत करने की जी तोड़ कोशिश किया। यद्यपि कामयाब नहीं हुए। जमीनों को बचाने के लिए सैकड़ों किसानों को कुर्बानी देनी पड़ी।
  14. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भारत के विभाजन के लिए जवाहरलाल नेहरू, कांग्रेस और महात्मा गांधी को लंबे समय तक कोसते रहे। किंतु जब प्रधानमंत्री बने तो भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश महासंघ बनाने की दिशा में कुछ नहीं किया। जबकि यह करने के लिए खुद भारतीय जनता पार्टी के प्रेरणा पुरुष श्री दीनदयाल उपाध्याय जी जीवन भर कहते रहे। इससे यह साबित हुआ के विभाजन का घाव कुरेद कर नरेंद्र मोदी जी केवल सत्ता हासिल करना चाहते थे। लेकिन लेकिन विभाजन को खत्म करने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी।
  15. भाजपा ने वही पाप किया है जो उन दम्पतियों के बीच झगड़ा लगाता है, जिन दम्पतियों को एक साथ रहना ही है. हिन्दू मुस्लिम इसी तरह के दम्पति जैसे हैं, जिनको एक साथ रहना ही है. श्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल में मुसलमानों के खिलाफ से मोब लिंचिंग की तमाम घटनाएं घटीं। अधिकांश घटनाओं में जो कानूनी कार्यवाही की गई, मुसलमान उसको निष्पक्ष नहीं मानते। उनको लगता है कि सरकार उनको जानबूझकर निशाना बना रही है और सरकारी मशीनरी से उनको न्याय नहीं मिल रहा है। यह भावना भविष्य में मुस्लिम आतंकवाद पैदा करेगी। जिससे देश लहूलुहान हो जाएगा।
  16. नरेंद्र मोदी जी ने गरीब लोगों को अनाज दिया और जिन लोगों के नाम से कृषि की जमीन थी उनको ₹500 महीना देना शुरू किया। किंतु नरेंद्र मोदी जी ने देश को कभी भी वोटरशिप अधिकार के बारे में गोयल समिति की सिफारिशों के बारे में नहीं बताया। 137 सांसदों की मांग पर संसद यह विशेषज्ञ समिति 2 दिसंबर, 2011 में ही देश के सभी लोगों को हर महीना देश की औसत आमदनी की आधी रकम देने की सिफारिश की है। यह सिफारिश इसलिए की गयी है जिससे कि मशीनों के परिश्रम और प्राकृतिक संसाधनों के कारण पैदा हो रहे पैसे में देश के प्रत्येक व्यक्ति को हिस्सेदारी मिल सके। अपवाद केवल इतना रखा है कि यह रकम उन लोगों को न दिया जाए जो सरकारी नौकरी में हैं, या जो इनकम टैक्स देते हैं। यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी यह बात देश की जनता से न छुपाते तो आज देश के लोगों को केवल ₹500 नहीं, ₹8435 हर महीने मिल रहा होता। गोयल कमेटी की सिफारिशों को छुपाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के लोगों को खुशहाली छीन ली।
  17. इन घटनाओं से यह निष्कर्ष निकलता है कि भ्रष्टाचारी, अपराधी, बलात्कारी, हत्यारे और घोटालेबाज लोगों के लिए भारतीय जनता पार्टी एक शरणार्थी कैंप है। श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा जानबूझकर किए गए राष्ट्र विरोधी और जनविरोधी कृत्यों की सूची बनाया जाए तो पूरी किताब लिखी जा सकती है। श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए उक्त कृत्यों के कारण यह जरूरी है कि 2024 में वह दोबारा प्रधानमंत्री न बनने पाएं। इसके लिए देश की जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 के चुनावों में हराना चाहिए और प्रधानमंत्री की कमान त्यागी, तपस्वी और अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित करने वाले वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल का संस्थापक और राजनीतिक आर्थिक सुधारों पर दर्जनों पुस्तकों के लेखक श्री विश्वात्मा को प्रधानमंत्री बनाना चाहिए। श्री विश्वात्मा के नाम की सिफारिश इसलिए किया जा हैं क्योंकि प्रधानमंत्री बनने की रेस में अन्य जितने भी नाम हैं, उसमें से कोई भी दूध का धुला नहीं है।


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